शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) पुरुषों की यौन समस्याओं में एक सामान्य स्थिति है। यह समस्या तब होती है जब पुरुष संभोग के दौरान अपेक्षित समय से पहले स्खलित हो जाते हैं, जिससे यौन संतुष्टि में कमी रह जाती है। इस स्थिति के पीछे कई कारण हो सकते हैं — मानसिक तनाव, कमजोर नसें, पेल्विक मांसपेशियों की दुर्बलता या हार्मोनल असंतुलन।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो इस समस्या का हल केवल दवाओं में नहीं, बल्कि बाह्य उपयोग में आने वाले कुछ विशेष आयुर्वेदिक तेलों में भी छिपा होता है। ऐसे तेल न सिर्फ नसों को मज़बूती देते हैं, बल्कि स्खलन को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं।
शीघ्रपतन के लिए आयुर्वेदिक तेल का बाहरी उपयोग मुख्यतः लिंग की त्वचा पर हल्की मालिश के रूप में किया जाता है। इससे संबंधित नसों में रक्त प्रवाह सुधरता है और उत्तेजना के समय नियंत्रण बढ़ता है।
नसों की शक्ति में सुधार
उत्तेजना पर नियंत्रण
रक्त संचार में वृद्धि
तंत्रिका तंत्र का संतुलन
तनाव व थकान में कमी
अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक औषधि है। इसका तेल त्वचा में गहराई तक जाकर नसों को पोषण देता है।
तनाव को कम करता है
लिंग की संवेदनशीलता संतुलित करता है
नियमित उपयोग से लिंग की मांसपेशियाँ मजबूत बनती हैं
कौंच बीज पुरुष यौन स्वास्थ्य में बहुत उपयोगी माना जाता है। इसका तेल वीर्य की गुणवत्ता और नियंत्रण दोनों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
उत्तेजना में नियंत्रण
मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ती है
शतावरी एक शीतल और ताजगी देने वाली औषधि है जो स्नायु तंत्र को शांत करती है।
तनाव और घबराहट को कम करता है
मानसिक और शारीरिक दोनों लाभ प्रदान करता है
यह एक उत्कृष्ट वाहक तेल है जो अन्य औषधीय तत्वों को त्वचा के अंदर पहुंचाने में सहायक होता है।
तंत्रिकाओं को आराम देता है
नियमित मालिश से उत्तेजना में संतुलन आता है
आयुर्वेदिक तेल लगाने की विधि बहुत सरल है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
रात को सोने से पहले हल्के गर्म पानी से सफाई करें
लगभग 5–6 बूंद तेल लें
लिंग की बाहरी त्वचा पर धीरे-धीरे मालिश करें
अत्यधिक दबाव न डालें
10–15 मिनट बाद हल्के गुनगुने पानी से धो लें (यदि आवश्यक लगे)
ध्यान दें: यह तेल केवल बाहरी प्रयोग के लिए होता है।
तेल से केवल बाहरी नियंत्रण में मदद मिलती है। यदि समस्या का कारण मानसिक तनाव, हार्मोन असंतुलन या अन्य शारीरिक कमजोरी है, तो इसके लिए संपूर्ण उपचार की आवश्यकता होती है। लेकिन, आयुर्वेदिक तेल को एक सहायक उपाय के रूप में देखा जा सकता है, विशेष रूप से तब जब इसे संतुलित आहार, योग और स्वस्थ दिनचर्या के साथ अपनाया जाए।
यदि त्वचा पर एलर्जी हो
जलन या लालपन महसूस हो
कोई गंभीर यौन विकार हो
तो किसी योग्य चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
शीघ्रपतन के लिए आयुर्वेदिक तेल एक पारंपरिक और सुरक्षित विकल्प हो सकता है, खासकर तब जब समस्या हल्की हो या व्यक्ति प्रारंभिक स्तर पर नियंत्रण पाना चाहता हो। नियमित और सही तरीके से उपयोग करने पर यह नसों को मजबूती देता है और उत्तेजना की अवधि को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
हालांकि, किसी भी उत्पाद का उपयोग शुरू करने से पहले उसकी गुणवत्ता, प्रमाणिकता और उपयोग विधि की जानकारी होना आवश्यक है। साथ ही, यह ध्यान रखना चाहिए कि तेल केवल एक सहायक उपाय है — जड़ से समाधान के लिए जीवनशैली में सुधार और समग्र देखभाल भी जरूरी है।
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